देश के सिपाही

देश के सिपाही सीमा पर डटे रहे,
शांतिप्रिय बन सदा से मौन ही रहे।
जब विपक्ष ने अशांति को ही चुन लिया,
देशप्रेमियों ने धर्म प्रहार कर दिया।।

शीत लहर में किसी का जन्मदिन मना,
तैनात सीमा पर हुए हर पर्व है मना।
देश की सुरक्षा बड़ा पर्व बन गया,
सैनीय साथियों का परिवार बन गया।।

इन धर्मसार्थियों का त्याग सर्वश्रेष्ठ है,
युद्ध में बलिदान सर्वश्रेष्ठ भेंट है।
देश रक्षकों को मैं प्रणाम करती हूं,
मस्तक झुकाए मैं सदा सम्मान करती हूं।।

-अर्शिता शर्मा ‘कौशिकी'



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